Monday, August 10, 2009

Apologies to the Hindi stalwarts- my vain attempt using the Hindi typewriter...

प्रेम कहानी में 'twist'

गुबली ने बोली एक सच्ची बात
गुली ने घुमाया उल्टा हाथ
कहता है ;यह बात कोई नयी नही’
जो तुम करते हो वोःसही नही
आख़िर दिल मेरा तोड़ोगे कितनी बार
हो चुका यह कमबख्त कब का तार-तार
कब तक सहता रहूँ मैं वार
क्यों मान लूँ करते हो तुम मुझ से प्यार

सोचा था हमने हमशा रहेंगे साथ
हमेशा में नही थी कोई 'टाइम लिमिट' की बात
फिर भी जब हुआ कोई तकरार
तुम ने किया मानने से इनकार
कहते रहे कोई बड़ी बात नही
तुम हो वही और मैं भी हूँ वहीँ
प्यार कर देता है हर मुश्किल को सही
पर चलते चलते बिछड़ गए हमारे रस्ते कहीं
तुम बढ़ चले और हम रह गए वहीँ
अब तुम हो कहीं और हम कहीं


उम्मीद है यह रास्ते अलग होने से पहले दोबारा मीलेन्गे
चाहत के यह सूखे फूल फिर से खिलेंगे...










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